आज है आनंद बाबा नंद के भवन में: एक प्रसन्नता और भक्ति से भरा कृष्ण भजन है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म और उनके नंद बाबा के घर में खुशियों के माहौल का वर्णन करता है। इस भजन में भक्तों की उमंग, जयकारें और कृष्ण की लीलाओं की खुशी व्यक्त होती है। यह भजन जन्माष्टमी और कृष्ण जन्मोत्सव जैसे शुभ अवसरों पर खासतौर पर गाया जाता है, जो भक्तों के हृदय में उल्लास और प्रेम भर देता है।
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में लिरिक्स in Hindi
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ।।
जान गए सब हुआ यशोदा के ललना,
झूल रहा नन्द जी के अगना में पलना,
ढम ढम ढोल बाजे गूजे है गगन में,
ढम ढम ढोल बाजे गूजे है गगन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ।।
भोला भाला मुखड़ा है तीखी तीखी आँखे,
घुंगराले बाल काले मनमोहन आँखे,
जादू सा समाया कोई बाकी चितवन में,
जादू सा समाया कोई बाकी चितवन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ।।
देवता भी आए सारी देवियां भी आई है,
नन्द और यशोदा को दे रही बधाई है,
बात है जरूर कोई सांवरे ललन में,
बात है जरूर कोई सांवरे ललन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ।।
सारे ब्रजवासी दोड़े दोड़े चले आ रहे,
झूमे नाचे गाये सारे खुशियां मना रहे,
‘बिन्नू’ खुशियों के फूल खिले कण कण में,
‘बिन्नू’ खुशियों के फूल खिले कण कण में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ।।
लिरिक्स – बिन्नू जी