वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी, हमसे पर्दा करो ना मुरारी लिरिक्स (Vrindavan ke o bakein bihari hamse parda karo na murari)

वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी: यह भजन बाँके बिहारी जी के प्रति भक्तों की गहन विरह भरी पुकार को व्यक्त करता है। इसमें भक्त प्रभु से आग्रह करते हैं कि वे अपने भक्तों से पर्दा न करें, क्योंकि वे कोई पराए नहीं बल्कि सदा से उनके अपने हैं। भजन में नंदबाबा के लाड़ले, यशोदा माँ के तारे और राधा रानी के प्रिय गिरधारी कृष्ण का भावपूर्ण चित्रण है। भक्तों की विनती है कि लाख पर्दों में छिपने पर भी वे उनके हृदय में बसे हैं और उनका दर्शन ही भक्तों की सबसे बड़ी हसरत है।

वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी

वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी, हमसे पर्दा करो ना मुरारी लिरिक्स

वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।।

तर्ज – ये तो प्रेम की बात है उधो ।

हम तुम्हारे पराये नही है,
गैर के दर पे आये नही है,
हम तुम्हारे पुराने पुजारी,
हम तुम्हारे पुराने पुजारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।।

नंदबाबा के राज दुलारे,
माँ यशोदा की आँखों के तारे,
राधा के सांवरे गिरधारी,
राधा के सांवरे गिरधारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।।

बंद कमरों में रुक ना सकोगे,
लाख परदों में छुप ना सकोगे,
तेरा दीदार हसरत हमारी,
तेरा दीदार हसरत हमारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी,
वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी ।।

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