ऐसो चटक मटक सो ठाकुर लिरिक्स (Aiso chatak matak so thakur bhajan lyrics in hindi)

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर – एक सुंदर ब्रजभाषा भजन है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के रूप, लीला और अद्भुत वैभव का वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि तीनों लोकों में ऐसा अनुपम स्वरूप वाला ठाकुर कोई नहीं है। वे अपने टेढ़े-मेढ़े नयन, मधुर चाल और प्रेम से सभी को मोहित कर लेते हैं। उन्होंने असुरों का संहार किया, कालिया नाग को दबोचा, और गिरिराज को सात दिन तक धारण किया। फिर भी, वे बड़े सहज भाव से ब्रज की गलियों में गोपियों के साथ खेलते और माखन की चोरी करते हैं। यह भजन कृष्ण के वीर, प्रेमी और बाल रूप की अनूठी झलक पेश करता है।

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर लिरिक्स

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर लिरिक्स in hindi

 

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में नाय,
तीनों लोकन हूँ में नाय, तीनों लोकन हूँ में नाय,
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में नाय ।।

तीन ठौर ते टेढ़ो दिखे,
नट किसी चलगत यह सीखे,
टेड़े नैन चलावे तीखे,
सब देवन को देव, तऊ ये ब्रज में घेरे गाय,
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में नाय ।।

ब्रह्मा मोह कियो पछतायो,
दर्शन को शिव ब्रज में आयो,
मान इंद्र को दूर भगायो,
ऐसो वैभव वारो, तऊ ये ब्रज में गारी खाए,
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में नाय ।।

बड़े बड़े असूरन को मारयो,
नाग कालिया पकड़ पछाड़यो,
सात दिना तक गिरिवर धारयो,
ऐसो बलि तऊ, खेलत में ग्वालन से पीट जाय,
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में नाय ।।

रूप छबीलो है ब्रज सुंदर,
बिना बुलाए डोले घर घर,
प्रेमी ब्रज गोपीन को चाकर,
ऐसो प्रेम बढ्यो, माखन की चोरी करवे जाए,
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में नाय ।।

https://youtu.be/jjAQDDmXpaY

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