इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले लिरिक्स (Itna to karna swami, jab pran tan se nikle lyrics in hindi)
भजन “इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले” एक भावपूर्ण प्रार्थना है जिसमें भक्त अपने जीवन के अंतिम […]
भजन “इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले” एक भावपूर्ण प्रार्थना है जिसमें भक्त अपने जीवन के अंतिम […]
यह भजन “राम नाम सुखदाई भजन करो भाई, ये जीवन दो दिन का” जीवन की नश्वरता और भक्ति की महिमा
यह भजन “तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर आलीशान” भक्ति और समर्पण का सुंदर संदेश देता है। इसमें भक्त
यह भजन “मन लागो मेरो यार फकीरी में” संत कबीर दास जी का अमूल्य संदेश है, जिसमें साधु जीवन और
यह भजन “रसना निस दिन भज हरिनाम” भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की संयुक्त महिमा का गान है। इसमें भक्त को
यह भजन “भज मन राम चरण सुखदाई” गोस्वामी तुलसीदास जी की रचना है, जिसमें भगवान श्रीराम के चरणों की महिमा
यह भजन “मत कर तू अभिमान रे बन्दे” अनूप जलोटा जी द्वारा गाया गया एक गहन जीवन संदेश देने वाला
राम कथा में वीर जटायु का अपना अनुपम स्थान, तुलसी ने बड़भागी कहकर, किया जटायु का यशगान ।। सीता हरणं
(दोहा: राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट, अंत काल पछतायेगा, जब प्राण जायेंगे छूट) तेरे मन में
चीर के छाती बोले अपनी पवन पुत्र हनुमान, मेरे मन में बसे हैं राम, मेरे तन में बसे हैं राम
सूरदास जी का एक तारा, मीरा की करताल, बोले जय गिरधर गोपाल, बोले जय गिरधर गोपाल ।। (हाथ छुड़ाये जात
यह भजन प्रभु भक्ति और समर्पण की गहन भावना को प्रकट करता है। दोहे में सच्चे जीवन का संदेश दिया
इक कोर कृपा की कर दो: यह भजन राधारानी की करुणा और कृपा की प्रार्थना का भावपूर्ण स्तुति है। इसमें
वो काला एक बांसुरी वाला: यह भजन श्रीकृष्ण की चंचल लीलाओं और उनके मधुर बाँसुरी वादन का सुंदर वर्णन करता
श्री राम लखन ले व्याकुल मन: यह भजन भगवान श्रीराम के उस गहन दर्द और व्याकुलता का भावपूर्ण चित्रण करता
वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया: यह भजन भगवान श्रीकृष्ण की मधुर लीलाओं और उनके अनुपम आकर्षण का सुंदर वर्णन करता है।
प्रबल प्रेम के पाले पड़कर: यह भजन प्रभु श्रीकृष्ण की अनंत लीलाओं और भक्तों के प्रति उनके प्रेम की गहराई
वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी: यह भजन बाँके बिहारी जी के प्रति भक्तों की गहन विरह भरी पुकार को व्यक्त
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी: यह भजन जीवन की गहरी सच्चाई को सरल शब्दों में प्रस्तुत करता है। इसमें
बंदे अब छोड़ दे हड़बड़ी, श्याम भजले घड़ी दो घड़ी: यह भजन श्रद्धा और भक्ति से भरे संदेश को प्रस्तुत