( दोहा: कालजो धड़के मेरो,
और कुम्हलावे देह,
आखडली झुर झुर बहवे,
ज्यूँ सावण रो मेह )
बहती हैं अखियों से धार, आ जाओ सांवरे,
आ जाओ साँवरे, हम तो हारे हारे,
बहती हैं अखियों से धार, आ जाओ सांवरे।।
नदिया का पानी बाबा, चढ़ने लगा है,
दिल मेरा जोर से धड़कने लगा है,
थाम लो कन्हैया आके, मेरी नाव रे,
बहती हैं अखियों से धार, आ जाओ सांवरे ।।
फेर के तू मुंह जो बैठा, बात ना बनेगी,
नाम की तुम्हारी बाबा, साख ना बचेगी,
राख ले तू नाम की, पत अपनी साँवरे,
बहती हैं अखियों से धार, आ जाओ सांवरे ।।
आप पे ही सांवरे, जीवन का दारमदार है,
देर ना करो आ जाओ, दीन की पुकार है,
‘कमल’ का सहारा अब तो, तू ही श्याम रे,
बहती हैं अखियों से धार, आ जाओ सांवरे ।।
लिरिक्स – राघव गुप्ता (कमल जी)
बहती हैं अखियों से धार, आ जाओ सांवरे लिरिक्स in hindi
