बंसी बजाते हुए किसी ने मेरा श्याम देखा: यह भजन श्रीकृष्ण की मधुर लीलाओं और उनके विभिन्न रूपों का सुंदर वर्णन करता है। इसमें राधा के श्याम को कभी गोकुल में गौएँ चराते हुए, कभी यमुना तट पर खीर चुराते हुए, तो कभी माखन चुराकर गोपियों के घरों में देखा गया है। कहीं वे बंसी बजाकर रास रचाते हैं तो कहीं गोवर्धन पर्वत उठाकर भक्तों की रक्षा करते हैं। अंत में उन्हें भक्तों के घर सत्संग कराते हुए भी देखा गया है। पूरे भजन का भाव यह है कि श्याम हर जगह अपने मधुर स्वरूप और लीलाओं के साथ विद्यमान हैं, और भक्तों को अपने प्रेम और भक्ति में लीन कर देते हैं।
बंसी बजाते हुए किसी ने मेरा श्याम देखा लिरिक्स in hindi
बंसी बजाते हुए किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम मेने गोकुल में देखा,
गउएँ चराते हुए, के राधा तेरा श्याम देखा,
बंसी बजाते हुए किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम मेने यमुना तट पर देखा,
खीर चुराते हुए, के राधा तेरा श्याम देखा,
बंसी बजाते हुए किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम मेने बंशीवट पर देखा,
रास रचाते हुए, के राधा तेरा श्याम देखा,
बंसी बजाते हुए किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम मेने गोपी घर देखा,
माखन चुराते हुए, के राधा तेरा श्याम देखा,
बंसी बजाते हुए किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम मेने गोवर्धन पर देखा,
पर्वत उठाते हुए, के राधा तेरा श्याम देखा,
बंसी बजाते हुए किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम मेने भक्तो के घर देखा,
सत्संग कराते हुए, के राधा तेरा श्याम देखा,
बंसी बजाते हुए किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
लिरिक्स – मुरारी लाल जी