दरबार लगा के बैठे बाबा देखो ना एक बार कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार (Darbaar laga ke baithe Baba, dekho na ek baar, Kab se teri or niharu, aur karoon manuhar)

दरबार लगा के बैठे बाबा देखो ना एक बार
कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार

दर – दर ठोकर खाई मैंने जब तेरे दर पर आया
सुख में साथ देता जग है दुख में है ठुकराया
तू ही करता हरदम बाबा चिंता को बेकार
कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार…

मोर छड़ी वाले तेरी मोर छड़ी लहरादे
मुश्किल ने घेरा श्याम झाड़ा एक लगादे
बैठे सामने मेरे बाबा फिर किसकी दरकार
कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार…

तू है चाबी हम है ताले सुन लो खाटू वाले
हार के जब भी आया लकी तू ही उसे संभाले
कृपा होगी तेरी बाबा खाटू ले आऊं  परिवार
कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार

Lyrics –  Lucky Shukla

दरबार लगा के बैठे बाबा, देखो ना एक बार :

Bhajan Network सभी श्रद्धालुओं के लिए भगवान के दरबार में अटूट श्रद्धा, समर्पण और भक्त की विनम्र प्रार्थना को दर्शाने वाला भावपूर्ण भजन “दरबार लगा के बैठे बाबा” प्रस्तुत कर रहा है। आइए, हम अपनी व्यस्त जीवनशैली में भक्ति भाव को स्थान दें और इन मधुर भजनों के माध्यम से ईश्वर से आत्मिक जुड़ाव बनाएं।

दरबार लगा के बैठे बाबा देखो ना एक बार कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार
दरबार लगा के बैठे बाबा देखो ना एक बार कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार

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