यह भजन “जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया” भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का हर्षोल्लास से भरा वर्णन है। इसमें बताया गया है कि कारागार में श्रीकृष्ण का अवतार हुआ और सबको बधाई दी जा रही है। भजन में श्रीकृष्ण द्वारा अपने माता-पिता को आश्वासन देने, लड्डू गोपाल के रूप में मोहक बाल स्वरूप धारण करने, मूसलधार वर्षा में शेषनाग द्वारा सेवा करने और यमुना के जल को नियंत्रित करने जैसी दिव्य घटनाओं का भावपूर्ण चित्रण है। यह गीत जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भक्तिभाव और आनंद का संदेश देता है।
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया लिरिक्स in hindi
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,
बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है ।।
तर्ज – ऐसो चटक मटक सो ठाकुर ।
मात-पिता को सब समझाया,
मैं हूँ लीला करने आया,
जैसा कहु वैसा ही करना,
जगत भलाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है ।।
कैसा किया है जादू कमाल,
छोटे बन गये लड्डू गोपाल,
देखो अंगूठा चूसते,
मोहनी सूरत बनाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,
सबको बहुत बधाई है ।।
बारिश पड़ रही मूसलाधार,
शेष नाग है सेवा दार,
यमूना जी की बाढ़,
ना जाने कहाँ समाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है ।।