यह भजन “रसना निस दिन भज हरिनाम” भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की संयुक्त महिमा का गान है। इसमें भक्त को हर समय राम-कृष्ण का नाम स्मरण करने की प्रेरणा दी गई है। श्रीराम को दयालु और कृपालु बताया गया है, वहीं श्रीकृष्ण को चितचोर और मुरलीधारी बनवारी कहा गया है। यह भजन समझाता है कि चाहे प्रभु को राम कहकर पुकारो या कृष्ण कहकर, दोनों ही भक्तों के दुःख हरने वाले और आनंदधाम स्वरूप हैं। उनके नाम का निरंतर जाप जीवन में शांति, प्रेम और आनंद का संचार करता है।
रसना निस दिन भज हरिनाम लिरिक्स
रसना निस दिन भज हरिनाम, राम-कृष्ण श्री कृष्ण राम,
दोनों सुखकर आनन्द धाम, राम-कृष्ण श्री कृष्ण राम ।।
कान्हा या चितचोर कहो, या रघुवर अवध किशोर कहो,
प्रतिदिन बोलो आठों याम, राम-कृष्ण श्री कृष्ण राम ।।
राघव सा कोई कृपालु नही, माधव सा कोई दयालु नही,
आरत जन के आते हैं काम, राम-कृष्ण श्री कृष्ण राम ।।
धनुष धारी मुराली धारी, जय रघुवंशी जय बनवारी,
प्रेम बिन्दु दोनों का धाम, राम-कृष्ण श्रीकृष्ण राम ।।
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