साँची प्रीत जो तुम सो जोरी ।
तुमसो ज़ोर सबन सो तोरी ॥
जो तुम तोरो पिया मैं ना तोरूँ।
तुम संग तोरि कवनि संग ज़ोरूँ ॥टेक॥
मोहे तीरथ व्रत को नहीं अदेसा,
तुम्हरे चरन कमल का भरोसा।
मैं जहाँ जहाँ जाऊँ तुम्हारी सेवा,
तुम सा ठाकुर और ना देवा ॥
जो तुम तोरो पिया मैं ना तोरूँ।
तुम संग तोरि कवनि संग ज़ोरूँ ॥टेक॥
मैं अपना मन हरि सौं जोरयौ,
हरि सौं जोरि सबनि सौं तोरयौ।
मोहे मन क्रम वचन तुम्हारी
आसा ऐसी भक्ति करे रैदासा
भजन गायक – हर्ष शर्मा ( वृन्दावन )
साँची प्रीत जो तुम सो जोरी lyrics in hindi
