श्री श्याम महर करदो, अब तो दुखियारे पर लिरिक्स (Shree Shyam mahar kardo ab to dukhiyare par lyrics)

श्री श्याम महर करदो, अब तो दुखियारे पर: यह भजन राजू चितलांगीया जी की हृदयस्पर्शी रचना है, जिसमें एक दुखी भक्त अपनी वेदना प्रभु श्याम जी के सामने प्रकट करता है। इसमें भक्त का दर्द, तड़प और प्रतीक्षा झलकती है कि कब तक वह प्रभु की राह देखता रहेगा। आँसुओं से भरी आँखें, अधूरी मनोकामनाएँ और जीवन की पीड़ा—सब कुछ श्याम बाबा के चरणों में अर्पित है। यह भजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि विश्वास दिलाता है कि प्रभु देर भले करें, पर अपने भक्तों को कभी खाली हाथ नहीं लौटाते।

श्री श्याम महर करदो, अब तो दुखियारे पर

श्री श्याम महर करदो, अब तो दुखियारे पर लिरिक्स in Hindi

श्री श्याम महर करदो, अब तो दुखियारे पर,
कब तक निरखू राहें, ना और बहाने कर ।।

तर्ज – बचपन की मोहब्बत को दिल से ना जुदा करना ।

जब जब भी प्रभु तुमको,दीनो ने पुकारा था,
दौड़े आये थे तुम, संकट से उबारा था,
सुनकर के द्वार पर मै,आया झोली फैलाकर,
कब तक निरखू राहें ।।

अब सूख गये आंसू, आहे बस बाकी है,
दूरी ना सही जाए,अँखियाँ मेरी प्यासी है,
कैसे धीर धरे मनवा, रख्खू इसे बहलाकर,
कब तक निरखू राहें ।।

शायद तेरे आने तक, सांसे भी नहीं होगी,
होठों से बोल नहीं, और अंखियां बंद होगी,
दुखियों के पल पल की, कीमत भी समझा कर,
कब तक निरखू राहें ।।

पायी ना तेरी रहमत, दीदार न मिल पाया,
‘राजू’ तेरे चरणों के, काबिल ना बन पाया,
इस जीवन में ना सही, अगले का तो वादा कर,
कब तक निरखू राहें ।।

लिरिक्स – राजू चितलांगीया जी

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