सीता के राम, राधा के श्याम: यह भजन भगवान के विभिन्न रूपों और उनकी अनन्य भक्तों के साथ जुड़ी अमर भक्ति गाथाओं का स्मरण कराता है। इसमें बताया गया है कि कैसे सीता जी ने राजमहलों का सुख त्यागकर श्रीराम का साथ निभाया और धरती को राम भक्ति का धाम बनाया। राधा रानी ने श्रीकृष्ण के साथ रास रचाकर तीनों लोकों में प्रेम और माधुर्य का संदेश फैलाया। मीरा ने सांसारिक बंधनों और महलों की मोह-माया को छोड़कर गिरधर गोपाल को अपना सर्वस्व माना और प्रेम की दीवानी बनकर भक्ति का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। भजन का सार यह है कि सीता, राधा और मीरा, तीनों ने अपने आराध्य में सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया, और उनके आराध्य प्रभु आज भी सबके प्यारे अन्तर्यामी बनकर भक्तों के दुख दूर करते हैं।
सीता के राम राधा के श्याम लिरिक्स in hindi
सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।
महलों का सुख छोड़ सिया ने, राम का साथ निभाया,
लक्ष्मी ने धर रूप सिया का, जग का पाप मिटाया,
बना दिया था इस धरती को, राम भक्ति का धाम,
सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।
राधा ने श्री श्याम सुन्दर संग, ऐसा रास रचाया,
तीन लोक में श्याम और राधा का रूप समाया,
कोटि-कोटि भक्तों के मुख पर, राधेश्यम का नाम,
सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।
मीरा ने महलों की झूठी, महिमा को ठुकराया,
तोड़ जगत के बन्धन, अपने गिरधर को अपनाया,
प्रेम दीवानी मीरा को, करते हैं भक्त प्रणाम,
सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।
सीता राधा और मीरा के, सबसे न्यारे स्वामी,
सबसे न्यारे सबके प्यारे, स्वामी अन्तर्यामी,
सदा बनाया करते प्रभु जी, सबके बिगड़े काम,
सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।