श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी: यह भजन जीवन की गहरी सच्चाई को सरल शब्दों में प्रस्तुत करता है। इसमें संदेश दिया गया है कि सांसारिक मोह-माया क्षणभंगुर है और कब साथ छोड़ दे, इसका भरोसा नहीं। ऐसे में मनुष्य को चाहिए कि थोड़ी देर ही सही, लेकिन श्याम का स्मरण करे, क्योंकि प्रभु का नाम ही सच्ची पूँजी है। यह भजन मन के मैल को धोकर शुद्धता और शांति का अनुभव कराने की प्रेरणा देता है और बताता है कि जब सारी उलझनें प्रभु को समर्पित कर दी जाएं, तो जीवन की डोर सहज ही सुलझ जाती है।

श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी लिरिक्स in hindi
उलझनों की ये सुलझे लड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी ।।
तर्ज – ज़िन्दगी की ना टूटे लड़ी ।
श्याम सुमिरन का धन साथ देगा,
जबकि माया क्या कब रूठ जाए,
एक पल का भरोसा नहीं है,
सांस का तार कब टूट जाए,
जिन्दगी मौत के दर खड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी,
उलझनों की ये सुलझे लड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी ।।
साफ दिखेगी सूरत प्रभु की,
मन के दर्पण का तुम मैल धो लो,
सबके दिल गंगाजल से लगेंगे,
अपने मन की कपट गांठ खोलो,
छोड़कर सारी धोखाधड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी,
उलझनों की ये सुलझे लड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी ।।
सौंप प्रभु पे सकल उलझनें तू,
ग्रस्त चिंता में क्यों तेरा मन है,
सम्पदा सुख सुयश देने वाला,
सिर्फ एक ये हरि का भजन है,
श्याम का नाम दौलत बड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी,
उलझनों की ये सुलझे लड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी ।।
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