राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा: यह भजन राधा और कृष्ण के अनन्य प्रेम और श्रीकृष्ण की विविध लीलाओं का सजीव चित्रण करता है। इसमें राधा अपने श्याम को खोजती हैं और भक्त उन्हें अलग-अलग स्थानों पर देखे जाने का वर्णन करते हैं—कहीं मथुरा में बंसी बजाते हुए, कहीं गोकुल में गौएँ चराते हुए, तो कहीं वृंदावन में रास रचाते हुए। गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला से लेकर सर्वजगत में “राधे-राधे” जपते हुए श्याम के दर्शन तक, यह भजन दर्शाता है कि श्रीकृष्ण हर जगह अपने भक्तों को अपनी उपस्थिति का अनुभव कराते हैं। इसका भाव यह है कि प्रेम और भक्ति की दृष्टि से देखने वाला हर स्थान पर श्याम को पा सकता है।
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम दे लिरिक्स in hindi
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा,
श्याम देखा, घनश्याम देखा,
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम हमने मथुरा मैं देखा,
बंसी बजाते हुए, ओ राधा तेरा श्याम देखा,
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम हमने गोकुल मैं देखा,
गैया चराते हुए, ओ राधा तेरा श्याम देखा,
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम हमने वृन्दावन मैं देखा,
रास रचाते हुए, ओ राधा तेरा श्याम देखा,
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम हमने जतीपुरा मैं देखा,
गोवर्धन उठाते हुए, ओ राधा तेरा श्याम देखा,
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा ।।
राधा तेरा श्याम हमने सर्वजगत मैं देखा,
राधे राधे जपते हुए, ओ राधा तेरा श्याम देखा,
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा ।।