यह अत्यंत भावनात्मक और ऊर्जावान भजन “गजब मेरे खाटू वाले गजब थारे ठाठ निराले” खाटू श्याम बाबा की महिमा, उनके चमत्कार और उनके भक्तों पर होने वाली कृपा का सुंदर वर्णन करता है। इसमें भक्ति, प्रेम और विश्वास की अद्भुत भावना झलकती है।
गजब मेरे खाटू वाले गजब थारे ठाठ निराले लिरिक्स
गजब मेरे खाटू वाले गजब थारे ठाठ निराले,
सेठो के सेठ बाबा श्याम है,
खाटू जाने वाले हर प्रेमी को तारा है,
सारी दुनिया में गूंजे इनका जैकारा है,
श्याम प्रेमियों का दुनिया में एक ही नारा है,
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा है,
गजब मेरे खाटू वाले गजब थारे ठाठ निराले,
सेठो के सेठ बाबा श्याम है ।।
सब से पेहले बाबा तेरा काम बनायेगे,
काम बना कर खाटू में तुझको बुलावे गे,
खाटू में प्यारे तेरा जी सा लग जाएगा,
झूम झूम कर तू भी प्यारे ये ही गायेगा,
गजब मेरे खाटू वाले गजब थारे ठाठ निराले,
सेठो के सेठ बाबा श्याम है ।।
जिस ने भी बाबा की पवन ज्योत जलाई है,
पल में उसने श्याम धनि से खुशिया पाई है,
होली और दीवाली वो तो रोज मनायेगा,
खुश हो कर श्याम धनी की महिमा गायेगा,
गजब मेरे खाटू वाले गजब थारे ठाठ निराले,
सेठो के सेठ बाबा श्याम है ।।
कहे कन्हिया एक बार श्री राम बोल कर देख,
किस्मत के ताले को एक बार खोल कर देख,
जिसका कोई नही जगत में उसका बाबा श्याम,
श्याम जगत का एक ही मालिक खाटू वाले श्याम,
गजब मेरे खाटू वाले गजब थारे ठाठ निराले,
सेठो के सेठ बाबा श्याम है ।।
लिरिक्स – कन्हैया मित्तल जी
भजन का भाव
भजन में कवि बाबा श्याम के “ठाठ निराले” यानी उनके अलौकिक और दिव्य स्वरूप का वर्णन करता है।
श्याम बाबा “सेठों के सेठ” हैं — अर्थात् वे सबके स्वामी, सर्वशक्तिमान और दानी हैं।
“हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा है” — यह पंक्ति भक्तों के हृदय की गहराई से निकली पुकार है, जो दर्शाती है कि जो व्यक्ति जीवन में हारता है या निराश होता है, उसके लिए बाबा श्याम सच्चा सहारा बनते हैं।
भजन यह भी बताता है कि जो भी प्रेमपूर्वक बाबा श्याम की ज्योत जलाता है, वह पल भर में सुख और आनंद से भर जाता है। बाबा अपने भक्तों की पुकार को कभी अनसुना नहीं करते।
क्यों गाया जाता है यह भजन
-
बाबा श्याम के प्रति प्रेम, आस्था और कृतज्ञता प्रकट करने के लिए।
-
जब जीवन में कठिनाइयाँ, निराशा या हार का अनुभव हो।
-
भक्तों के मन में विश्वास जगाने और भक्ति भाव से ओतप्रोत करने के लिए।
🎵 कब गाएं
-
खाटू श्याम जी के मंदिर में दर्शन या आरती के समय।
-
श्याम भजन संध्या, जागरण या कीर्तन में।
-
जब मन में विश्वास और ऊर्जा भरनी हो, या बाबा की महिमा का स्मरण करना हो।
संक्षिप्त भावार्थ
“हे खाटू वाले बाबा श्याम! आपके ठाठ निराले हैं, आपकी महिमा अनंत है। आप ही हारे हुए का सहारा हैं, आप सबके काम बनाने वाले और सब पर दया करने वाले हैं। जो भी आपके दरबार में आता है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता।”





















