यह अत्यंत ऊर्जावान और प्रेरणादायक भजन “लुट रहा रे, श्याम का खजाना लुट रहा रे” खाटू श्यामजी की असीम कृपा, उदारता और भक्तों के प्रति उनके स्नेह को समर्पित है। इस भजन में भक्त भावपूर्वक कहता है कि बाबा श्याम का खजाना — प्रेम, दया और आशीर्वाद — सबके लिए खुला है, बस जो उनके चरणों में आता है, वह खाली नहीं लौटता। यह भजन गाते समय भक्त का मन उमंग और उत्साह से भर जाता है। वह अनुभव करता है कि बाबा श्याम का दरबार सचमुच ऐसा खजाना है, जहां हर कोई प्रेम और आशीर्वाद की लूट में सहभागी बन सकता है।
श्याम का खजाना, लुट रहा रे लिरिक्स
लुट रहा, लुट रहा, लुट रहा रे,
श्याम का खजाना, लुट रहा रे ।।
तर्ज – लुट रहा लुट रहा ।
लुट सके तो, लुट ले बन्दे, काहे देरी करता है,
ऐसा मौका फिर ना मिलेगा, सबकी झोली भरता है,
इनकी शरण में आकर के, जो कुछ भी मांगा मिल गया रे ।।
हाथों हाथ मिलेगा पर्चा, ये दरबार निराला है,
घर घर पूजा हो कलयुग में, भक्तों का रखवाला है,
जिसने भी इनका नाम लिया, किस्मत का ताला खुल गया रे ।।
इनके जैसा इस दुनियां में, कोई भी दरबार नहीं,
ऐसा दयालु है ‘बनवारी’, करता कभी इन्कार नहीं,
कौन है ऐसा दुनिया में, जिसको ये बाबा नट गया रे ।।
लिरिक्स – जय शंकर चौधरी (बनवारी) जी
भजन का भाव
“लुट रहा रे, श्याम का खजाना लुट रहा रे” — यह पंक्ति इस बात का प्रतीक है कि बाबा श्याम अपने प्रेम और कृपा का अमूल्य खजाना सब पर लुटा रहे हैं। भक्तों को बस एक मौका चाहिए — श्रद्धा से उनके द्वार पर आने का।
शरणागति का महत्व — भजन यह सिखाता है कि जो भी व्यक्ति बाबा की शरण में आता है, उसे जीवन में जो कुछ भी चाहिए, वह अवश्य प्राप्त होता है। यहां कोई भेदभाव नहीं — केवल सच्चे भाव से मांगा गया वरदान ही मिल जाता है।
बाबा श्याम का निराला दरबार — यह दरबार अद्भुत और अनोखा है, जहां भक्तों की पुकार तुरंत सुनी जाती है। बाबा हर युग में अपने भक्तों का कल्याण करते हैं और कलयुग में तो वे हारे हुए लोगों का सच्चा सहारा हैं।
भक्ति का संदेश — भजन भक्तों को प्रेरित करता है कि समय रहते श्यामभक्ति का यह खजाना लूट लें, क्योंकि जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है बाबा के नाम का स्मरण।
🌼 क्यों गाया जाता है यह भजन
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खाटू श्यामजी की महिमा और उदारता का बखान करने के लिए।
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भक्तों को यह स्मरण कराने के लिए कि प्रभु का दरबार सबके लिए खुला है।
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भक्ति, उत्साह और श्रद्धा का भाव जगाने के लिए।
🎵 कब गाएं
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भजन संध्या, श्याम आरती या संकीर्तन के समय।
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जब मन में श्रद्धा, उल्लास और कृतज्ञता का भाव हो।
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खाटू श्यामजी के मेले या विशेष पूजन अवसरों पर।
✨ संक्षिप्त भावार्थ
“हे खाटू श्याम! आपका खजाना — प्रेम, दया और कृपा — सबके लिए खुला है। जो भी आपके दरबार में आता है, उसकी झोली भर जाती है। आप सबके दुख हरने वाले, भाग्य बदलने वाले और सच्चे रखवाले हैं।”





















