यह भजन “क्यों करे चिंता जब तू हारेगा” श्री श्याम प्रभु पर पूर्ण विश्वास और समर्पण का संदेश देता है। इसमें यह भाव है कि जब जीवन की हर परिस्थिति प्रभु श्याम के हाथों में सौंप दी जाती है, तब चिंता का कोई कारण नहीं रहता। प्रभु ही हमारे कष्टों को दूर करके हमारी जिंदगी को संवारते हैं। चाहे हालात कठिन हों या बाज़ी हारी हुई लगे, श्याम का साथ मिलने पर सब संभव हो जाता है और जीत सुनिश्चित होती है।
क्यों करे चिंता जब तू हारेगा लिरिक्स
क्यों करे चिंता जब तू हारेगा,
तेरी जिंदगी यही सवारेगा ।।
तर्ज – तुमको देखा तो ये ख्याल आया ।
सौंप दे खुद को तू इसे प्यारे,
फिर तेरा कोई क्या बिगाड़ेगा,
तेरी जिंदगी यही सवारेगा ।।
तेरे हालात ना छिपे इससे,
बोझ तेरे सिर का ये उतारेगा,
तेरी जिंदगी यही सवारेगा ।।
श्याम है साथ तो फिकर कैसी,
हारी बाजी भी फिर तू मारेगा,
तेरी जिंदगी यही सवारेगा ।।
लिरिक्स – शिवम पंसारी जी, नम्रता करवा जी
क्यों पढ़ें/गाएँ यह भजन?
- यह भजन हमें चिंता और डर से मुक्त होकर प्रभु पर विश्वास रखना सिखाता है।
- इससे मन को शांति, साहस और आत्मविश्वास मिलता है।
- यह भजन निराशा में आशा और हारे हुए मन को नई ऊर्जा प्रदान करता है।
कब पढ़ें यह भजन?
- जब मन चिंता, डर या कठिनाई से घिरा हो।
- भजन संध्या, संकीर्तन या सत्संग के समय।
- प्रातः या संध्या की साधना में, दिन की शुरुआत या अंत प्रभु के स्मरण से करने हेतु।
- जब जीवन में हारी हुई स्थिति को जीत में बदलने की प्रेरणा चाहिए।
यह भजन हर भक्त को यह भरोसा दिलाता है कि प्रभु श्याम का साथ मिलने पर हार भी जीत में बदल जाती है और जीवन मार्गदर्शित और सुंदर बन जाता है।
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