मन में बसा कर तेरी मूर्ति लिरिक्स (Man me basa kar teri murti krishan bhajan lyrics in hindi)

यह अत्यंत सुंदर और भावनापूर्ण आरती “मन में बसा कर तेरी मूर्ति, उतारू मैं गिरधर तेरी आरती” भगवान श्रीकृष्ण (गिरधर) के प्रति गहन प्रेम, भक्ति और समर्पण का भाव प्रकट करती है। इसमें भक्त अपने जीवन को पूर्ण रूप से प्रभु के चरणों में अर्पित कर, उनसे करुणा, ज्ञान और शांति की याचना करता है।

मन में बसा कर तेरी मूर्ति लिरिक्स

मन में बसा कर तेरी मूर्ति लिरिक्स

मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ।।

करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन,
भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन,
दर्द की दवा तुम्हरे पास है,
जिंदगी दया की है भीख मांगती,
मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ।।

मांगु तुझसे क्या में यही सोचु भगवन,
जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण,
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा,
चिंता है तुझको प्रभु संसार की,
मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ।।

वेद तेरी महिमा गाये संत करे ध्यान,
नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान,
भक्त तेरे द्वार करते है पुकार,
दास व्यास तेरी गाये आरती,
मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ।।

भजन/आरती का भावार्थ

मन में बसा कर तेरी मूर्ति, उतारू मैं गिरधर तेरी आरती” — भक्त कहता है कि उसने अपने हृदय में गिरधर (श्रीकृष्ण) की छवि को स्थायी रूप से स्थापित कर लिया है, और अब वह केवल उनकी आराधना में लीन रहना चाहता है।

करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन” — यह पंक्ति प्रभु से दया और ज्ञान की विनती है, जिससे अज्ञान रूपी अंधकार मिटे और जीवन पथ प्रकाशित हो जाए।

भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन” — जीवन सागर में डूबते हुए भक्त प्रभु से प्रार्थना करता है कि वे उसकी नैया पार लगा दें।

दर्द की दवा तुम्हरे पास है” — इसका अर्थ है कि संसार के सभी दुखों की औषधि केवल भगवान के पास है; वही परम आश्रय हैं।

क्यों गाई जाती है यह आरती

  • मन को शांति और भक्ति से भरने के लिए।

  • दुःख, भ्रम या कष्ट के समय प्रभु से सहारा पाने के लिए।

  • श्रीकृष्ण के प्रति समर्पण और आभार व्यक्त करने हेतु।

🎵 कब गाएं
  • श्रीकृष्ण पूजा, जन्माष्टमी, आरती या ध्यान के समय।

  • सायं या प्रातः भजन-कीर्तन के दौरान।

  • जब मन व्यथित या भ्रमित हो, तब यह आरती अत्यधिक सांत्वना देती है।

संक्षिप्त सार
“हे गिरधर! मेरे हृदय में तुम्हारी छवि सदा बसी रहे। मेरे जीवन की हर सांस तुम्हारे नाम में बीते। मेरे सभी कष्ट, अज्ञान और दुख दूर करो और मुझे सच्ची भक्ति का मार्ग दिखाओ। तुम ही मेरे जीवन के रक्षक और सच्चे आधार हो।”

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