यो पाण्डव कुल अवतार बड़ो अलबेलो है लिरिक्स (Yo pandav kul avtar bado albelo hai bhajan lyrics in hind)

यह भजन “यो पाण्डव कुल अवतार, बड़ो अलबेलो है” एक अत्यंत मधुर और भावपूर्ण रचना है, जो श्री खाटू श्यामजी के दिव्य स्वरूप, करुणा और अलौकिक शक्ति का वर्णन करती है। इसमें भक्त बड़ी श्रद्धा से अपने नैया के खेवनहार श्याम से कृपा की प्रार्थना करता है और उन्हें पाण्डव कुल के अवतार के रूप में नमन करता है। यह भजन श्री खाटू श्यामजी की कृपा, सौंदर्य और अलौकिक शक्ति का वर्णन करता है। भक्त अपनी नैया की पतवार श्याम को सौंपते हुए, उन्हें अपने जीवन का रक्षक और सच्चा मार्गदर्शक मानता है।

यो पाण्डव कुल अवतार बड़ो अलबेलो है लिरिक्स (Yo pandav kul avtar bado albelo hai bhajan lyrics in hind)

यो पाण्डव कुल अवतार बड़ो अलबेलो है लिरिक्स

यो पाण्डव कुल अवतार, बड़ो अलबेलो है,
करले करुण पुकार सौंप दे, नैया की पतवार ।।

तर्ज – तेरे द्वार खड़ा भगवान ।

घुँघरवाला बाल श्याम का, मोर मुकुट मनहारी,
शरणागत की रक्षा करता, श्याम धव्जाबंध धारी-२,
मेला लागै चार श्याम को, है मोटो दरबार ।।

मोटा मोटा नैण श्याम का, ज्यूं अमृत का प्याला,
दिल का दरिया ये मनगरिया, मंगल करने वाला-२,
राखै नहीं उधार मेरो यो, सांवरियो सरकार ।।

श्याम बहादुर सरस सलूणो, ‘शिव’ रसिया सैलाणी,
तुरता फुरती काम पटावै, ऐंकी बाण पुराणी-२,
खूब सज्यो सिणगार, तेरी नैया का खेवनहार ।।

लिरिक्स – शिव चरण भीमराजका जी

यो पाण्डव कुल अवतार बड़ो अलबेलो है भजन का भावार्थ एवं सार

यह भजन भक्त के उस सच्चे प्रेम को दर्शाता है, जिसमें वह श्याम को अपना सर्वस्व, अपना मार्गदर्शक और जीवन की नैया का खेवैया मानता है।
प्रत्येक पद में श्याम की कृपा, सौंदर्य और दयालुता का गुणगान किया गया है।

पहला पद:

“यो पाण्डव कुल अवतार, बड़ो अलबेलो है…”
भक्त कहता है — हे श्याम! आप पाण्डव कुल के अवतार हैं, अलौकिक और निराले हैं।
मैं अपनी नैया की पतवार आपको सौंप देता हूँ — आप ही मुझे इस जीवन सागर से पार लगाइए।
यह एक पूर्ण समर्पण का भाव है।

दूसरा पद:

“घुँघरवाला बाल श्याम का, मोर मुकुट मनहारी…”
यहाँ श्याम की मोहक छवि का वर्णन है — बाल श्याम के पैरों में घुँघरू, सिर पर मोर मुकुट, और मुख पर तेज की आभा।
वे शरणागत भक्तों के रक्षक हैं, जो अपनी ध्वजा के नीचे सभी को आश्रय देते हैं।
भक्त कहता है — “श्याम का मेला चारों ओर लगा है, उनका दरबार महान है।”

तीसरा पद:

“मोटा मोटा नैण श्याम का, ज्यूं अमृत का प्याला…”
श्याम के नेत्रों का सौंदर्य अमृत समान बताया गया है।
उनकी दृष्टि से भक्त का हृदय निर्मल और शांत हो जाता है।
श्याम किसी का उधार नहीं रखते — वे भक्त को तुरंत फल देते हैं, क्योंकि वे सांवरिया सरकार हैं जो न्याय और प्रेम दोनों के प्रतीक हैं।

चौथा पद:

“श्याम बहादुर सरस सलूणो, ‘शिव’ रसिया सैलाणी…”
भजनकार शिव चरण जी बताते हैं कि श्यामजी रसिया हैं, सैलानी हैं — वे भक्तों के मन की बात तुरंत समझते हैं और उनका काम फुर्ती से कर देते हैं।
उनका सिंगार और व्यक्तित्व अनुपम है — वे हर भक्त की नैया को पार लगाते हैं।

संक्षिप्त सार: हे पाण्डव कुल अवतार खाटू श्यामजी! आप अलबेलो, दयालु और कृपालु हैं। आपके चरणों में समर्पित भक्त को कभी भय नहीं रहता। आप ही जीवन की नैया के सच्चे खेवनहार हैं।

क्यों गाया जाता है – यो पाण्डव कुल अवतार बड़ो अलबेलो है भजन:

  • श्यामजी की कृपा और संरक्षण के भाव को व्यक्त करने के लिए।

  • जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति और मार्गदर्शन पाने हेतु।

  • भक्ति, श्रद्धा और समर्पण की भावना को जगाने के लिए।

कब गाएं:

  • श्याम भजन संध्या या आरती के समय।

  • व्यक्तिगत साधना, भक्ति या कीर्तन के दौरान।

  • जब मन श्यामजी की कृपा और प्रेम में डूबा हो।

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