जुग जुग जीवे री यशोदा मैया तेरो ललना लिरिक्स (Jug Jug jiwe ri yashoda maiya tero lalna bhajan lyrics in hindi)
जुग जुग जीवे री यशोदा मैया, तेरो ललना: यह भजन माँ यशोदा के वात्सल्य और कान्हा के अनुपम सौंदर्य का […]
जुग जुग जीवे री यशोदा मैया, तेरो ललना: यह भजन माँ यशोदा के वात्सल्य और कान्हा के अनुपम सौंदर्य का […]
यह भजन “जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया” भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का हर्षोल्लास से भरा वर्णन है। इसमें बताया गया
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर – एक सुंदर ब्रजभाषा भजन है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के रूप, लीला और अद्भुत वैभव
मेरी बिगड़ी बनाने वाला, मेरा श्याम सांवरा है: एक भावुक और आत्मीय कृष्ण भजन है जिसमें भक्त अपने जीवन की
आज है आनंद बाबा नंद के भवन में: एक प्रसन्नता और भक्ति से भरा कृष्ण भजन है, जो भगवान श्रीकृष्ण
यशोदा माँ के होयो लाल बधाई सारे भक्ता ने: एक उल्लासपूर्ण और हर्षोल्लास से भरा कृष्ण जन्मोत्सव भजन है। इसमें
जादू करके ओ पिया कित गयो जादू करके: एक सुरीला और भावपूर्ण कृष्ण भजन है, जिसमें भक्त अपनी भावनाओं के
मेरो मन वृंदावन में अटको एक अत्यंत मधुर कृष्ण भजन है, जिसमें भक्त का हृदय श्रीकृष्ण के प्रेम और उनके
लाडली ज़ू बुलालो के जी ना लगे, बरसाना बसालो के जी ना लगे, लाडली ज़ू बुलालो के जी ना लगे
रंगी गुब्बारो से मंडप सजाया है, मिश्री मावे का एक केक मंगाया है, इसको चखेगा श्याम तू तू तू तू,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया, सबको बहुत बधाई है, बहुत बधाई है, सबको बहुत बधाई है, जैल में प्रकटे कृष्ण
जय हो जय हो तेरी माँ यशोदा के लाल, ले के अवतार आना गज़ब हो गया, त्रेता युग में थे
लल्ला की सुन के मै आयी, यशोदा मैया दे दे बधाई, दे दे बधाई मैया दे दे बधाई, दे दे
हम तो बने तुम्हारे राधारमण । अब तौ मर्ज़ी रही तुम्हारी, बनो ना बनो हमारे ।। राधारमण, हम तो बने
साँची प्रीत जो तुम सो जोरी । तुमसो ज़ोर सबन सो तोरी ॥ जो तुम तोरो पिया मैं ना तोरूँ।
काली कमली ने ऐसा रंग डाला, के रंग कोई चडता नहीं, ओ बांकेबिहारी ने ऐसा रंग डाला, के रंग कोई
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरियाली तीज आज, राधा संग में झुले कान्हा, झूमे अब तो सारा भाग ।।
आया हरियाली तीज का त्यौहार, महीना सावन का, बाँध घुंघरू नाचे बहार, महीना सावन का, आया हरियाली तीज का त्योहार,
झूला झूल रहे प्रिय प्यारी, तीज हरियाली आयी है ।। तर्ज – श्यामा श्याम सलोनी सूरत । हरी हरी लता
घनश्याम तुम्हारे मंदिर में, मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ, वाणी में तनिक मिठास नहीं, पर विनय सुनाने आई हूँ ।।